कौन हैं भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद रावण। Who is Chandra shekhar Azad founder and cheif of Bhim army.

  क्या है भीम आर्मी संगठन(Introduction-what is bhim army, history, registration in Hindi) 

आज कल हर जगह एक नाम सुनने में आ रहा है भीम आर्मी।आखिर क्या है भीम आर्मी जिसे दलित पिछड़े व आदिवासी लोग अपना मसीहा मानते हैं।

      वर्ष 2017 में सहारनपुर जिले के शब्बिरपुर गांव में दलितों और सवर्णों के बीच एक हिंसा कि घटना हुई।इस हिंसा के दौरान एक संगठन का नाम उभर कर आया भीम आर्मी। भीम आर्मी का पूरा नाम "भारत एकता मिशन भीम आर्मी" है। और इसका गठन करीब 8 साल पहले किया गया था। इस संगठन के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद हैं जिन्होंने अपना उपनाम रावण रख लिया है।


कौन हैं भीम आर्मी संस्थापक चन्द्रशेखर रावण(Who is Chandra shekhar Azad Ravan founder and chief of Bhim army)

चन्द्रशेखर आजाद रावण का जन्म 3 दिसंबर 1986 को सहारनपुर जिले के छूटमाल पुर गांव में हुआ। इनके पिता जी का नाम गोवर्धनदास है जो सेवानिवृत प्रधानाचर्य थे, तथा माता का नाम कमलेश देवी है। चन्द्रशेखर आजाद पेशे से एक वकील हैं और कांशीराम साहेब को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।

            चन्द्रशेखर आजाद के परिवार में तीन भाई तथा तीन बहनें हैं जिनमें से एक कि शादी हो चुकी है। इनका छोटा भाई पढ़ाई के साथ साथ एक मेडिकल स्टोर पर नौकरी करता है।इनका एक चचेरा भाई इंजीनियर भी है।


चन्द्रशेखर आजाद का परिचय(Chandra shekhar Azad Ravan biography, family, parents, wife, caste)

पूरा नाम (Full name) -- चन्द्रशेखर आजाद 

अन्य नाम (Nick name) -- रावण

जन्म (Date of birth) -- 3 दिसम्बर 1986

जन्म स्थान (Birth Place) -- सहारनपुर उ0प्र0

पेशा(Profession) -- वकील,राजनीतिज्ञ,समाज सेवा

माता(mother) -- कमलेश देवी

पिता (Father) -- भगवान दास

जाति (Caste) -- दलित(SC)

वैवाहिक स्थिति(Material status)_ विवाहित

संगठन (Organization) -- भीम आर्मी

राजनीतिक दल(Political party) -- आजाद समाज पार्टी

राष्ट्रीयता(Nationality) -- भारतीय


भीम आर्मी का गठन कब और कैसे हुआ?(how and who build bhim army organization):-

सामाजिक तौर पर देखा जाए तो दलितों और सवर्णों के बीच हमेशा से ही संघर्ष रहा है। स्वर्ण समाज हमेशा से ही निम्न वर्गो का शोषण किया है। ये तो बाबा साहेब के संविधान की देन है कि हम कानूनी तौर पर लड़ना भी जान गए हैं नहीं तो पुलिस प्रशासन और पदासीन अधिकारी भी हमारी बात भी नहीं सुनते थे।

               वर्ष 2015 में चन्द्रशेखर ने विनय रतन सिंह,सतीश कुमार तथा गांव के कुछ युवाओं के साथ मिलकर भारत एकता मिशन भीम आर्मी की स्थापना की। शब्बीर पुर में हुई हिंसा के बाद चंद्रशेखर आजाद रावण ने 9 मई 2017 को सहारन पुर के रामनगर में महापंचायत बुलाई। इस महापंचायत के लिए पुलिस ने अनुमति नहीं दी।लेकिन Social media के जरिए महापंचायत की सूचना भेजी गई, सैकड़ों लोग इस महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे। इन्हें रोकने के लिए पुलिस और भीम आर्मी में संघर्ष हुआ। इसके बाद चन्द्रशेखर के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज कर एस टी एफ द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। तथा नवंबर 2017 को उच्च न्यायालय ने इन्हे जमानत दे दी।लेकिन योगी सरकार ने एनएसए कानून के तहत मिली जमानत को रद्द करवाकर सितम्बर 2018 में रिहा होने दिया।


भीम आर्मी का क्या उद्देश्य है?(What is aim and object of Bhim army):-

भीम आर्मी का उद्देश्य दलितों,पिछड़ों,आदिवासियों की गरिमा बनाए रखने व उनके अधिकारों, सम्मान, स्वाभिमान को बनाए रखना है। जिस समय भीम आर्मी का गठन हुआ था उस समय इसका मुख्य उद्देश्य दलित समाज की सेवा करना व इस समाज की गरीब लड़कियों की शादी के लिए धन जुटा कर उनका विवाह करवाना था।लेकिन रामनगर में हुए बवाल ने इस संगठन का स्वरूप ही बदल दिया ।


भीम आर्मी द्वारा किए जाने वाले सराहनीय कार्य(What do work bhim army for dalit people):- 

1. भीम आर्मी का मुख्य कार्य दलित समाज(SC,St& OBC) को उच्च वर्गो के बराबर उनका हक दिलाना है।

2. समाज से छुआछूत तथा पाखंडवाद को बाहर करना है।

3. दलित वर्ग के सभी लोगों को समान व मुफ्त शिक्षा देना है। इसके लिए मेरठ,शामली, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में भीम आर्मी संगठन द्वारा करीब 350 स्कूल कॉलेज खोले गए हैं जिनमें मुफ्त शिक्षा कोचिंग दी जाती है।

4. यह संगठन समाज के गरीब व निर्धन लोगों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाता है।

5. भीम आर्मी के कार्यकर्ता इस समाज की गरीब लड़कियों को पढ़ा लिखाकर उनका विवाह भी करवाते हैं।


राजनीतिक दल-"आजाद समाज पार्टी" की स्थापना कब और क्यों हुई?(why and when build a political party 'Azad samaj party', who is chief it's?)

दिसम्बर 2019 में चन्द्रशेखर आजाद ने यह घोषणा की अब भीम आर्मी औपचारिक रूप से चुनावी राजनीति में प्रवेश करेगी। चंदशेखर आजाद रावण का कहना है कि राजनीतिक दलों को सभी समुदाय के लोगों की जरूरत होती है लेकिन कोई भी वास्तव में दलितों की परवाह नहीं करता है।अतः अब दलित समाज के उत्थान के लिए भीम आर्मी को राजनीति में उतरना पड़ेगा।

            15 मार्च 2020 को चन्द्रशेखर ने (मान्यवर कांशीराम के 86वीं जयंती पर) आधिकारिक तौर पर अपनी राजनीतिक पार्टी "आजाद समाज पार्टी" की घोषणा की। इन्होंने कई राजनीतिक दलों को अपने पार्टी में शामिल कर लिया। 15 मार्च 2023 को आजाद समाज पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ।


भीम आर्मी को कैसे संपर्क करें,कौन कौन सा वर्ग शामिल है?(How to contact and join Bhim army organization, Whatsapp, mobile number and social media)

भीम आर्मी आज दलित युवाओं का एक प्रिय संगठन बन चुका है। खास बात ये है कि इस संगठन में दलित युवाओं (SC,St,OBC) के साथ साथ पंजाब और हरियाणा के सिख युवा भी शामिल हैं। भीम आर्मी में भारत के लगभग सभी राज्यों के लोग जुड़ रहें हैं। 

          सोशल मीडिया पर भी बड़ी संख्या में लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं। आप भी जुड़ सकते हैं।

          Facebook :- Bhimarmyofficial


निष्कर्ष(Conculestion):- 

अभी भी भारतवर्ष में छुआ छूत, ऊंच- नीच की ये भावना व्याप्त है। संविधान के होते हुए जब ये दुर्दशा है तो जरा सोचिए मनुस्मृति वाले कानून में दलित, व अल्पसंख्यक वर्ग की क्या स्थिति रही होगी।उन पर कितना जुल्म ढाया गया होगा।कभी मटके से पानी पीने पर हत्या हो जाती है तो कभी मूछ रखने पर, कभी घोड़ी चड़ने पर, कभी बाबा साहेब की मूर्तियों को तोड़ा जाता है।

             चन्द्रशेखर आजाद भाई ने अपने समाज के हमेशा संघर्ष किया है और करते रहेंगें।वो और उनकी टीम ने हमेशा गरीबों शोषितों के हक की लड़ाई लड़ी है और हमेशा लड़ते रहेंगे।भीम आर्मी बाबा साहेब,कांशीराम, महात्मा बुद्ध व फुले आदि के बताए हुए क़दमों चल रही है। महत्वपूर्ण बात ये कि दमन से लडने के लिए आप शिक्षित बनिए,संगठित रहिए और स्वाभिमानी बनिए।



                        जय भीम



SUNIL KUMAR

Hello Friends! my name is Sunil Kumar, founder of Bharatveer.in. I am 23years old, and live in India, U.P.,Ayodhya. Currently I write on meta topic Such as Health,Tech, Personality,India love and Jobs & carriar.

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